*बिना अनुभव के सीखना असम्भव – आशुतोष
उत्तराखंड, नैनीताल। सिखाना अनुभव से ही सम्भव है. बिना अनुभव के सीखना सरल नहीं है । यह बात ख्याति प्राप्त शिक्षाविद व विज्ञान खोजशाला के संस्थापक आशुतोष उपाध्याय ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भीमताल में शिक्षकों व डी०एल ०एड प्रशिक्षुओं की चार दिवसीय कार्यशाला में कही। विषय में रुचि पैदा करना शिक्षक का मुख्य कार्य है. बि ना रुचि के शिक्षण संभव नहीं है।
कार्यक्रम समन्यवक डा० शैलेन्द्र सिंह धपोला ने बताया कि शिक्षण रुचिपूर्ण हो, इस के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 10 दिवसीय बस्ता रहित दिवसों की अव धारणा विकसित की गई है। बस्ता रहित दिवसों की गतिविधियों को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की अनुसंशाओं के साथ जोड़ा गया है। राष्ट्रीय सर्वेक्षण में न्यून उपलब्धि प्रतिशत पर चिन्ता व्यक्त की गई है। कार्यशाला संयोजक
डा० प्रेम सिंह मावड़ी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गतिविधि आधारित शिक्षण व दक्षताओं पर जोर दिया गया है। चार दिवसीय गतिविधियों में विविध माडल बनाये जा रहे हैं जिसमें जादुई हाथ, सौरमंडल, रंगबिरंगे गिरगिट, कछुए का गणित आदि गतिविधियों को संचालित किया गया। इस अवसर पर डा० विमल किशोर, ललित प्रसाद तिवारी, डॉ सुमित पांडे, डा पूरन सिंह बंगला सहित जनपद के 40 शिक्षक व डी०एल ० एड० प्रशिक्षु प्रतिभाग कर रहे हैं।
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बिना अनुभव के सीखना असम्भव : उपाध्याय

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