अल्मोड़ा,साहित्यकार हरसिंह मनराल ने राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बासोट, भिकियासैन के बच्चों को बचपन के समय का पहाड़” कहानी सुनाई।
उनके साथ जसोदसिंह मनराल भी थे। साहित्यकार हर सिंह मनराल संगीत नाटक अकादेमी, संस्कृति विभाग (भारत सरकार ) – दिल्ली में सेवारत हैं। श्री मनराल ने बच्चों को यह कहानी कुमाउनी में सुनाई। उनकी कहानी पहाड़ की विविधता,संस्कृति, खानपान, कृषि उपज, रीति रिवाज, , मेले , कौतिक,परंपरा को समेटे हुए थी। इस अवसर पर विद्यालय के संरक्षक नन्दकिशोर उप्रेती द्वारा अतिथियों का स्वागत करने के साथ बच्चों से घर पर अपनी मातृभाषा कुमाउनी में बातचीत करने का निवेदन किया गया जिससे मातृभाषा कुमाउनी को भी संरक्षण प्रदान हो। अभिभावक रामदत्त उप्रेती ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मातृभाषा हमारी पहचान होती है । इसलिए अन्य भाषाओं की जानकारी के साथ हमें अपनी मातृभाषा में बात करनी चाहिए। इस अवसर पर के.आर.धौलाखंड़ी, देवन्ती देवी, ज्योति उप्रेती, कामना, दीपक देशवाल, विवेक,नवीन, प्रिन्स, दीपिका, गीता उप्रेती,सन्तोषी देवी, पुष्पा देवी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बच्चों को साहित्यकार हरसिंह मनराल द्वारा मिष्ठान वितरण के साथ पेंसिल, रबर , कटर भी प्रदान किये गये। सभी बच्चों ने श्री मनराल की कुमाउनी कहानी को बहुत पसंद किया। विद्यालय में सेवारत शिक्षक कृपाल सिंह शीला ने सभी मंचस्थ अतिथियों व बच्चों का आभार व्यक्त किया।
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साहित्यकार हर सिंह मनराल ने बच्चों को कहानी सुनाई

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