राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिए गए दिशा निर्देशों के क्रम में राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा कुछ नई पुस्तकें जैसे ‘हमारी विरासत और विभूतियाँ (6,7 और 8 की कक्षा के लिए ) ‘, आपदा प्रबंधन (कक्षा 9 और 10 के लिए ) और गृह विज्ञान (कक्षा 9 के लिए )बनाई गई हैं। इसी तरह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए नई पुस्तकें जैसे उच्च प्राथमिक स्तर के लिए विज्ञान विषय में जिज्ञासा नाम से पुस्तकें तैयार की गई हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से कक्षा 3 से 8 तक की कक्षाओं के लिए विषय वार पाठ्यक्रम विभाजन कार्यशाला आज राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड सभागार में शुरू हो गई है। यह कार्यशाला तीन दिनो तक चलेगी। इस कार्यशाला में कक्षा 3 से 8 तक की कक्षाओं के पाठ्यक्रम का महीने वार विभाजन किया जाएगा। इससे शिक्षकों को पता चल पाएगा कि उन्हें किस महीने कितना पाठ्यक्रम पूरा करना है? पाठ्यक्रम से संबंधित कौन सी गतिविधियाँ होंगी? यह भी सुझाया जाएगा। कार्यशाला के उदघाटन के अवसर पर अपर निदेशक पदमेंद्र सकलानी ने कहा कि पाठ्यक्रम विभाजन से शिक्षकों को विषय की शिक्षण योजना बनाने और मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी। कार्यशाला के समन्यवक सुनील भट्ट ने शिक्षा के लक्ष्य, पाठ्यचर्या और पाठ्यक्रम के तत्वों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में स्पष्ट किया। इस कार्यशाला में विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन विषय में पाठ्यक्रम विभाजन के लिए बनाए गए कोर ग्रुप में डॉ. दिनेश रतूड़ी, डॉ. उमेश चमोला, राकेश चंद्र, प्रेरणा बहुगुणा, अर्चना पंत, डॉ. प्रिया जैसवाल, आलोक, अवनीश और गिरीश बड़ोनी विशेषज्ञ के रूप में सम्मिलित हैं। डॉ. गंगा घुघत्याल, ज्योत्स्ना रतूड़ी, जगदम्बा कुकरेती, सुमन सेमवाल, रजनी रावत, विजय, हेमंत चौकियाल और विजय आनंद नौटियाल सामाजिक विज्ञान कोर ग्रुप के विशेषज्ञ हैं। गणित में डॉ. मनोज कुमार शुक्ला, नीलम पंवार, लक्ष्मी सजवाण, रुचि पुंडीर, अनामिका, प्रवीण उनियाल, बबीता सजवाण, ललित पाण्डेय और अनीता नौटियाल के द्वारा पाठ्यक्रम विभाजन का कार्य किया जाएगा। अंग्रेजी के कोर ग्रुप में सुधा पेंन्युली, गोपाल घुघत्याल, उर्वशी, भाग्य श्री, पूनम, ममता बहुगुणा, सुनैना कंडारी, राजेश खत्री और ममता बड़ोनी सम्मिलित हैं। हिन्दी और संस्कृत पाठ्यक्रम विभाजन का कार्य डॉ. साधना डिमरी, खजान सिंह, गीता भट्ट, वरतुल, संगीता फरासी, डॉ. सुरेन्द्र आर्यन, दिनेश रावत, पूनम घिल्डियाल और दीक्षता के द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. कृष्णा नन्द बिज्लवाण सहायकनिदेशक,अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के अंबरीश बिष्ट और भुवनेश पंत ने भी विचार व्यक्त किए। Report by -Dr. Umesh Chamola.
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पाठ्यक्रम विभाजन कार्यशाला हुई शुरू

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