उत्तराखंड, नैनीताल। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट )भीमताल में डीएलएड प्रशिक्षुओं हेतु संस्कृत संभाषण शिविर का प्रारंभ हुआ।
विदित हो कि उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है संस्कृत व विद्यालयों के पाठ्यक्रम में कक्षा तीन से पढ़ाई जाती है, साथ ही साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी संस्कृत भाषा के महत्व को स्वीकारते हुए इसे पढ़ाने की पैरवी की गई है।
इस अवसर पर डायट प्राचार्य सुरेश चंद्र आर्य ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में विद्यालयों में सात दिवसीय भारतीय भाषा समर कैंप संचालित हैं, जिसमें विद्यालयों द्वारा संस्कृत भाषा में छात्रों के साथ समर कैंप का आयोजन भी किया जा रहा है।
ऐसे समय में डायट में डीएलएड प्रशिक्षुओं हेतु उक्त शिविर बहुत महत्वपूर्ण व उपयोगी सिद्ध होगा।
इस शिविर में संस्कृत भारती के प्रशिक्षकों डॉ. सी.पी. उप्रेती व डॉ. जगदीश चंद्र पांडे द्वारा संदर्भदाता की भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है। उनके द्वारा प्रथम दिवस में प्रशिक्षुओं को संस्कृत माध्यम से स्व-परिचय देना, संस्कृत गीत व दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुओं के संस्कृत नामों से परिचित कराया गया।
डॉ. विमल किशोर थपलियाल ने कहा कि इस कार्यक्रम में भाषा संबंधी रोचक गतिविधियाँ की जा रही हैं। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरती जैन ने बताया कि यह कार्यक्रम NEP 2020 के आलोक में संचालित है। इसके द्वारा प्रशिक्षुओं में संस्कृत संभाषण कौशल का विकास होगा।
कार्यक्रम में डॉ. पी.एस. बुंग्ला, डॉ. संजय गुरूरानी, डॉ. हेमचंद्र तिवारी, डॉ. ज्योतिर्मय मिश्र, श्री हरीश बिष्ट आदि उपस्थित रहे।
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डायट भीमताल में संस्कृत संभाषण शिविर हुआ प्रारम्भ

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