उत्तराखंड, अल्मोड़ा। भारतीय भाषा समर कैम्प के चौथे दिवस पर समर कैम्प केन्द्र – राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय – बासोट ( भिकियासैण) में बच्चों ने विभिन्न गतिविधियाँ की। समर कैम्प की शुरुआत सभी बच्चों द्वारा गढ़वाली वंदना और सूक्ष्म योगाभ्यास से की गई । इसके बाद एससीईआरटी उत्तराखंड से तय की गई गतिविधि के अनुसार सन्दर्भदाता शिक्षकों की सहायता से बच्चों ने गढ़वाली व्यंजन बनाये। सभी प्रतिभागी बच्चों को 5 समूहों में बाँटा गया। प्रथम समूह ने चावल (भात), दूसरे समूह ने कड़ी (झोली) , तीसरे समूह ने चावल की खीर चौथे समूह ने गेहूँ व मडुवे की रोटी व पाँचवें समूह ने आलू -टमाटर की सब्जी तैयार की। बच्चों के इन व्यंजनों को बनाने में मुख्य सन्दर्भदाता के रूप में कृपाल सिंह शीला , दयाशंकर गिरी और ठाकुर पाल सिंह ने कार्य किया। चौथे दिवस पर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करकेती द्वारा बच्चों को गढ़वाली भाषा और व्यंजनों की विस्तार से जानकारी दी गई । गढ़वाली व्यंजन बनाने ने सभी समूहों के बच्चों ने बहुत रुचि दिखायी। हर समूह से एक दो बच्चों ने इन व्यंजनों को बनाने की विधि को भी सभी बच्चों के साथ साझा किया। याशिका ने खीर बनाने,मोहित ने चावल(भात) बनाने, अनमोल ने दाल बनाने व माही ने गेहूँ व मडुवे की रोटी बनाने व बबीता ने कड़ी (झोली) बनाने की विधि के साथ अपने अनुभव भी साझा किये गये। प्रत्येक समूह द्वारा बनाये गये इन व्यंजनों का स्वाद मंचस्थ अतिथि व सन्दर्भदाता शिक्षकों के साथ बच्चों ने भी लिया। समर कैम्प में 36 बच्चों की प्रतिभागिता रही।
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