उत्तराखंड, अल्मोड़ा,भारतीय भाषा समर कैम्प का गढ़वाली वंदना ‘ माता सरस्वती मेरी सेवा लिए ‘ के साथ हुआ शुभारंभ :-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के अन्तर्गत विद्यालयों में बहुभाषिकता एवं विविधताओं के मध्यनजर एससीईआरटी ,उत्तराखंड के द्वारा ग्रीष्मावकाश में सात दिवसीय भारतीय भाषा समर कैम्प – 2025 में चयनित गढ़वाली भाषा कक्षाओं का शुभारंभ केन्द्र – राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय – बासोट, क्षेत्र- भिकियासैण (अल्मोड़ा) में मंचस्थ अतिथियों नन्दकिशोर उप्रेती, भावना देवी, त्रिभुवन जलाल, ठाकुर पाल सिंह, मोहनचन्द्र गड़ाकोटी व रामदत्त उप्रेती के द्वारा किया गया। प्रतिभागी बच्चों द्वारा सभी मंचस्थ अतिथियों का स्वागत बैज लगाकर व पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया। इसके उपरांत बच्चों ने गढ़वाली वंदना ” माता सरस्वती वरदैणी हृवैजा ” का गायन वाद्ययंत्रों हारमोनियम व ढोलक के साथ किया गया। वादन में त्रिभुवन जलाल व मोहनचन्द्र गड़ाकोटी द्वारा संगत दी गई । मंचस्थ अतिथियों के स्वागत में बच्चों ने स्वागत गीत ” आपूं आछा तो मन कि कलि खिलिछ्या ” प्रस्तुत किया। मुख्य सन्दर्भदाता कृपाल सिंह शीला ने सभी मंचस्थ अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय भाषा समर कैम्प- 2025 के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि भाषाएँ न केवल शिक्षण का माध्यम होती है बल्कि हमारी पहचान भी होती हैं। इसलिए स्थानीय भाषाओं का संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से बहुभाषिता को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाली भाषा को मनोयोग के साथ सीखने का निवेदन किया। यह समर कैम्प 27 मई, 2025 से 02 जून, 2025 तक प्रात: 07:30 बजे से 11:30 बजे प्रतिदिन 4 घंटे संचालित होगा। प्रथम दिवस के शुभारंभ सत्र में गढ़वाली वंदना ” दैणा होया खोली का गणेशा हो ” व ” नमो भगवती माँ सरस्वती , तू ज्ञान को भंडार दे ” को भी सभी बच्चों ने संगीत के साथ सामूहिक स्वर में गायन किया। मंचस्थ अतिथि नन्दकिशोर उप्रेती द्वारा प्रतिभागी बच्चों को बहुभाषिकता को बढ़ावा दिये जाने के लिए समर कैम्प को उपयोगी बताया। उन्होंनेकहा कि इसके माध्यम से हम दूसरी भाषा से भी परिचित हो सकते हैं। त्रिभुवन जलाल ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा के साथ ही अन्य भाषाओं का ज्ञान होने से हमारा शब्दकोश बढ़ता है। सन्दर्भदाता दयाशंकर गिरी व ठाकुर पाल द्वारा भी भारतीय भाषा समर कैम्प के उद्देश्य पर अपनी बात रखी गई । उन्होंने समर कैम्प को सफल बनाने के लिए बच्चों से सहयोग करने का निवेदन किया। विद्यालय प्रबन्धन समिति रा.आ.प्रा.वि.- बासोट की अध्यक्षा भावना देवी ने समर कैम्प को बच्चों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि उनके पढ़ाई के दिनों में इस प्रकार के अवसर बहुत कम हुआ करते थे। आज आये दिन स्कूलों में विभिन्न राष्ट्रीय, स्थानीय पर्व, विविध गतिविधियाँ व दिवस मनाये जाते हैं। जो बच्चों के मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं। इस अवसर पर शिक्षक दिग्पाल सिंह चौनाल, आँगनबाड़ी कार्यकत्री देवन्ती देवी,सन्तोषी देवी आदि उपस्थित थे। समर कैम्प में 40 बच्चों की उपस्थिति रही। समर कैम्प में हर्षिता, मोहित,माही,सोम्या,आरुष प्रिन्स, कामना,तनुजा,दीपिका, डौली,तनु,आदि कुमार आदि द्वारा सक्रिय प्रतिभाग किया गया। प्रथम दिवस के समापन पर मुख्य सन्दर्भदाता कृपाल सिंह शीला ने सभी मंचस्थ अतिथियों, अभिभावकों व प्रतिभागी बच्चों का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया गया। सूक्ष्म जलपान के उपरांत प्रथम दिवस के कार्यक्रम का समापन हुआ।
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भारतीय भाषा समर कैम्प हुआ शुरू

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