उत्तराखंड, देहरादून।साहित्यकार डॉ. नागेंद्र ध्यानी ‘अरुण ‘ के निधन के समाचार से साहित्य और शिक्षा जगत के उनके प्रशसक शोकाकुल हैं। डॉ. नागेंद्र ध्यानी ‘अरुण ‘ ने आज राजीव गाँधी कैंसर अस्पताल में अंतिम सांस ली। डॉ. ध्यानी कोटद्वार के निवासी थे। वे काफ़ी समय से कैंसर से ग्रस्त थे। डॉ. ध्यानी ने एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की थी। उन्होंने प्रधानाचार्य और उत्तराखंड भाषा संस्थान में उपनिदेशक के रूप में भी अपनी सेवा दी थी। डॉ. नागेंद्र ध्यानी एक कवि और समीक्षक के रूप में ख्याति प्राप्त थे। उनका प्रबंध काव्य ‘अग्नि वरणा’ और ‘अश्वत्थमा ‘ चर्चित कृतियाँ रही थी। वे शास्त्रीय और गहन समीक्षा के लिए जाने जाते रहे हैं। न्यूज ओसियन डॉ. ध्यानी के निधन पर संवेदना व्यक्त करता है।
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