ताड़ीखेत दुबणा में शुरू हुई मातृभाषा कक्षा

उत्तराखंड, अल्मोड़ा, उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच – दिल्ली के तत्वावधान में दुभणा ताड़ीखेत में मातृभाषा कुमाऊंनी की कक्षा शनिवार से शुरू हो चुकी है।
यह कक्षा केन्द्र प्रमुख व मातृभाषा शिक्षक त्रिभुवन सिंह जलाल के सहयोग से चल रही है । उनके द्वारा कक्षाओं का संचालन शनिवार, रविवार व अन्य राजपत्रित अवकाश के दिनों में किया जा रहा है। शिक्षक त्रिभुवन सिंह जलाल अपनी मातृभाषा के संरक्षण, संवर्द्धन के लिए पूर्व से ही प्रयास करते आये हैं। उनके द्वारा अपने गृह क्षेत्र के लगभग 15 बच्चों के लिए ये कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं। उनका मानना है कि आज के बच्चे अपनी साहित्य- संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, उन्हें अपनी संस्कृति से जोड़े रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। संगीत के साथ मातृभाषा कक्षा का शुभारम्भ कुमाउनी सरस्वती वंदना ” दैण है जये मां सरस्वती ” के साथ की गई । भारत ज्ञान विज्ञान समिति ब्लॉक- भिकियासैंण के सदस्य व हिंदी, कुमाऊनी भाषा के साहित्यकार त्रिभुवन सिंह जलाल द्वारा कुमाऊनी भाषा के महत्व को बताते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि आज के समय में हमें अपनी कुमाऊनी भाषा को संरक्षण देने की अत्यधिक आवश्यकता है। आज हम अपने घरों में कुमाऊनी भाषा का बहुत कम प्रयोग करते हैं, जबकि अन्य लोग जैसे पंजाबी अपनी पंजाबी में व गढ़वाली अपनी गढ़वाली में ही बात करते हैं। हम चाहे जितनी भाषा सीखें, बोले पर अपनी मातृभाषा को कभी ना भूलें। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। यह हमारी मातृभाषा होने के साथ हमारी अपनी पहचान है। जलाल द्वारा उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच का आभार व्यक्त करने के साथ मातृभाषा कक्षा संचालन के मुख्य संयोजक व कुमाउनी साहित्यकार कृपाल सिंह शीला व सभी प्रतिभागी बच्चों का भी सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया गया। मातृभाषा कक्षा संचालक त्रिभुवन सिंह जलाल ने बताया कि ये कक्षाएँ 23 मई, 2025 तक संचालित होंगी। इन कक्षाओं में लगभग 15 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।

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