उत्तराखंड, देहरादून,प्रख्यात कथाकार और पूर्व वैज्ञानिक सुभाष पंत का आज निधन हो गया है। उनके निधन पर साहित्य जगत और उनके पाठक गमगीन हैं। श्री पंत के उपन्यास और कहानियां पाठकों को अपनी दुनिया से एकदम बाहर नहीं आने देते हैं। तपती हुई जमीन, चीफ के बाप की मौत, इक्कीस कहानीयां, जिन्न और अन्य कहानियां , मुन्नीबाई की प्रार्थना, दस प्रतिनिधि कहानियां, एक का पहाड़ा, छोटा होता हुआ आदमी, पहाड़ की सुबह तथा अन्य कहानियां , सिंगिंग बेल, लेकिन वह फाइल बंद है, 21वीं सदी की एक दिलचस्प दौड़, चमकता सितारा चुभन भरा कांटा, सुबह का भूला, पहाड़ चोर, एक रात का फासला, चिड़िया की आंख जैसी रचनाएं पाठकों के अंतर्मन को झकझोरती हैं।
3मार्च 2025 को उन्हें उत्तराखंड भाषा संस्थान उत्तराखंड के द्वारा साहित्य भूषण सम्मान दिया गया था। न्यूज ओसियन श्री पंत को श्रद्धांजलि देता है।
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कथाकार सुभाष पंत का देहावसान :एक साहित्यिक क्षति

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