देहरादून।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के तत्वावधान में राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम की वार्षिक परियोजना समीक्षा बैठक और कार्यशाला शुरू हो गई है । इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अलग -अलग राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। 
इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 से अधिक प्रतिभागी प्रतिभागी कर रहे हैं। सभी राज्यों के प्रतिभागियों के द्वारा अपने-अपने अनुभव साझा किए गए एवं परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। साथ ही, भविष्य की कार्ययोजना को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में किशोर-किशोरियों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया और उन्हें प्रभावी रूप से सुलझाने हेतु विभिन्न गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया गया।यह कार्यशाला आगामी चार दिनों तक चलेगी । कार्यशाला में शिक्षा मंत्री द्वारा उत्तराखंड राज्य में किए जा रहे नवाचार और उत्कृष्ट अभ्यासक्रमों की जानकारी समस्त प्रतिभागियों को दी गई। कार्यशाला के प्रथम सत्र में जम्मू कश्मीर राज्य द्वारा अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया। जम्मू कश्मीर राज्य में एड्स पर जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है । उनके द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में कार्यक्रम के प्रचार प्रसार हेतु नुक्कड़ नाटक तैयार कर जन-जन को जागरुक किया गया है । दूसरा प्रस्तुतीकरण पंजाब राज्य द्वारा किया गया। पंजाब के प्रतिनिधि ने राज्य में मादक पदार्थों के सेवन तथा उनके प्रभाव एवं रोकथाम पर अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया और इसे पंजाब के किशोर बच्चों की गंभीर समस्या बताया। तीसरा प्रस्तुतीकरण आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा किया गया । आंध्र प्रदेश के प्रतिनिधि द्वारा विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर अपना शोध अध्ययन प्रस्तुत किया गया। निष्कर्ष में यह पाया गया कि माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों का मानसिक स्तर औसत है। यह भी प्रस्तुत किया गया कि सरकारी विद्यालयों की विद्यार्थियों का मानसिक स्तर निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों के मानसिक स्तर से अच्छा है। इसके पश्चात उड़ीसा राज्य द्वारा अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया। उडीसा के प्रतिनिधि ने अपने राज्य में मोबाइल के प्रयोग पर शोध अध्ययन को प्रस्तुत किया। उनके अनुसार पूरे राज्य के अंदर 38% से अधिक विद्यार्थी लगातार मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं जिससे उनके मानसिक स्तर पर भी प्रभाव पड़ रहा है तथा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है । अन्य राज्यों द्वारा अपना प्रस्तुतीकरण आगामी दिवसों में दिया जाएगा।
कार्यक्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय नौडियाल अपर निदेशक एससीईआरटी प्रदीप कुमार रावत , सहायक निदेशक डॉक्टर केएन बिजलवान ,कार्यक्रम समन्वयक नीलम पवार,उषा कटियार ,सुनील भट्ट, देवराज सिंह राणा और साथ ही राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली से राष्ट्रीय समन्वयक प्रोफेसर गौरी श्रीवास्तव, प्रोफेसर श्रीधर श्रीवास्तव , प्रोफेसर हरीश मीणा,एवं उनकी पूरी टीम मौजूद रही।






