लंदन: क्वीन एलिजाबेथ सेंटर, लंदन में आयोजित कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप कमीशन (CSC), यूनाइटेड किंगडम के सहयोग से क्लब मीट कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें दुनियाभर से आए शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम वैश्विक शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था।

गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप कमीशन द्वारा का मनवेल्थ छात्रवृत्ति दी जाती है। यह दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियों में से एक है, जिसके लिए हर साल वैश्विक स्तर पर लगभग 40,000 आवेदन प्राप्त होते हैं, लेकिन इनमें से केवल 300 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। इस छात्रवृत्ति के तहत MSC, PhD और Split-Site PhD प्रोग्राम शामिल होते हैं। यह छात्रवृति प्राप्त करना शोधार्थियों का सपना होता है जिसे साकार करना आसान नहीं है।
आईआईटी जोधपुर के शोधार्थी शुभम चमोला, जो वर्तमान में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कॉमनवेल्थ स्प्लिट-साइट स्कॉलर के रूप में शोध कर रहे हैं, इस प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति के तहत चयनित होकर ब्रिटेन में शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम वैश्विक शोधकर्ताओं के साथ नेटवर्किंग और विचारों के आदान-प्रदान का एक बेहतरीन मंच सिद्ध हो रहा है।
शुभम चमोला ने कहा कि कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप पाना एक बड़े सम्मान की बात है। यह न केवल उनके शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा। शुभम चमोला उत्तराखण्ड के जिला रूद्रप्रयाग के कौशलपुर गाँव के निवासी हैं।
कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप आयोग द्वारा दी जाने वाली यह छात्रवृत्ति विज्ञान, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जाती है।






