साइबर अपराधियों ने बदला काम करने का तरीका

सामान्य रूप में यह देखने और सुनने में आता है कि साइबर अपराधी अपने को TRAI का कर्मी या साइबर पुलिस बताकर कहते हैं कि आपका कोई नम्बर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है जिसकी शिकायत प्राप्त हुई है। इसके बाद किसी बड़ी धनराशि की मांग कर इस समस्या का निवारण करने की बात करते हैं। साइबर अपराधियों को यह तरीका शायद अब पुराना लगने लगा है। आज मुझे 8143277051नंबर से एक कॉल आई। मुझे बताया गया कि यह कॉल क्राइम कोऑर्डिनेटिंग सेंटर दिल्ली से आई है। मेरे किसी दूसरे नंबर 9289573000 की संलिप्तता आपराधिक गतिविधियों में पाई गई है। यह भी कहा गया कि हो सकता है कोई दूसरा व्यक्ति मेरे नंबर का दुरपयोग कर रहा हो। कॉल करने वाली मैडम का रूख ऐसा लग रहा था जैसे वह मेरी समस्या के समाधान के लिए तत्पर हो। फिर उस महिला द्वारा मेरी कॉल को कथित पुलिस अधिकारी को अग्रेषित की गई। उस व्यक्ति द्वारा यह कहा गया कि आप अपना पक्ष रखने के लिए दो घंटे के अंदर सरोजिनी नगर दिल्ली पहुंचिये। मैंने असमर्थता व्यक्त की तो उसने कहा कि आप अपने कागज हमें ऑनलाइन भेज दीजिये। हम संतुष्ट होते है तो आपको दोषमुक्त कर देंगे। उन्होंने मुझे एक लिंक जैसा नोट कराया और कहा कि यह दिल्ली पब्लिक द्वारा आपके विरुद्ध की गई प्राथमिकी का नंबर है. मुझे फोन कॉल न काटने की हिदायत दी गई। जब मैंने कहा तुम नकली पुलिस हो, तुम्हारी शिकायत TRAI को की जाएगी तो कहने लगा कि दो घंटे के अंदर आपको पुलिस आपके घर से उठाकर ले जाएगी। वह अंत तक भी अपने को नकली पुलिस मानने को तैयार नहीं हुआ। न्यूज़ ओसियन अपने पाठकों को सतर्क करना चाहता है कि ऐसी कॉल आने पर घबरायें नहीं। ऐसी कॉल करने वालों को कहें कि हमें पता है कि तुम साइबर अपराधी हो, तुम्हारी शिकायत भारत सरकार द्वारा जारी 1930 पर की जाएगी।उनके द्वारा दिए गए किसी लिंक को न दबाएँ या बातों -बातों में अपनी महत्वपूर्ण सूचनाएं उनसे साझा न करें। ऐसी कॉल सम्बन्धी शिकायत भारत सरकार के chakshu पोर्टल पर की जा सकती है।

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