रं भाषा की सहायक पुस्तकों के परिमार्जन के लिए धारचूला में आयोजित हो रही कार्यशाला

निदेशालय अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड के तत्वावधान में वंदना  गर्बयाल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण के निर्देशन में लोकभाषा रं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सहायक पुस्तकें तैयार की गई हैं। इन पुस्तकों के परिमार्जन के लिए दो दिवसीय कार्यशाला आज शुरू हो चुकी है। यह कार्यशाला पी. एम श्री दानवीरा जसुली बुढी दताल सौक्यानी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला पिथौरागढ़ में शुरू हो गई है। इस कार्यशाला में रं भाषा से सम्बंधित शब्दकोष भी तैयार किया जाएगा। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिए गए निर्देशों के क्रम में एस. सी. ई. आर. टी. उत्तराखंड के द्वारा रं भाषा से संबंधित सहायक पुस्तकें तैयार की गई हैं। इन पुस्तकों का परिमार्जन सुदूर क्षेत्र धारचूला के रं भाषा के विशेषग्यो की उपस्थिति में किया जा रहा है जिससे यह पुस्तकें रं भाषा का उचित प्रतिनिधित्व कर सके। यह कार्यशाला 12 दिसंबर तक चलेगी।आज उदघाटन सत्र में संयुक्त निदेशक एस. सी. ई. आर. टी. प्रदीप रावत ने कहा कि वर्तमान समय में कई भाषाएँ संकटग्रस्त हो चुकी हैं। ऐसी स्थिति में लोकभाषाओं का संरक्षण करना आवश्यक हो गया है। इस अवसर पर  विद्यालय के प्रधानाचार्य शकुंतला कुमार टमटा,  डॉ. एस. पी. सेमल्टी, सोहन सिंह नेगी, रविदर्शन तोपाल, मनोज बहुगुणा और सचिन नौटियाल उपस्थित थे।

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