एस.सी.ई.आर.टी उत्तराखण्ड में तीन दिवसीय शोध पत्र लेखन की कार्यशाला हुई शुरू
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड देहरादून में डायट एवं एस.सी.ई.आर.टी के संकाय सदस्यों को शोध पत्र लेखन के कौशल एवं तकनीकी बारीकियों को सिखाने हेतु निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड बंदना गर्बयाल के द्वारा 05 दिसम्बर 2024 से 07 दिसम्बर 2024 तक चलने वाली तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया।
कार्यशाला के उदघाटन सत्र में उन्होने कहा कि यह कार्यशाला न केवल डायट एवं एस.सी.ई.आर.टी के संकाय सदस्यों को शोध पत्र लेखन के महत्वपूर्ण कौशल, तकनीकी बारीकियों एवं नवीन प्रवृत्तियों से अवगत कराने एवं उन्हें सीखने में महत्वपूर्ण होगा बल्कि शैक्षिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता को परखने, उनके मूल्यांकन एवं सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगा।
परिषद में कार्यक्रम एवं अनुश्रवण विभाग की संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने कहा कि यह कार्यशाला शोध कार्यो की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
परिषद के संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि जल्द ही शोध कार्यो में डायट एवं परिषद के संकाय संदस्यों की प्रतिभागिता बढ़ाने हेतु नया शोध जनरल शुरू किया जायेगा।
इस कार्यशाला के राज्य समन्वयक डॉ अजय कुमार चौरसिया के द्वारा बताया गया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को शोध पत्र लेखन के महत्वपूर्ण कौशल एवं तकनीकी बारीकियों से लैस करने के साथ ही परिषद में शोध संस्कृति का विकास करना है।
इस कार्यशाला में विभिन्न राज्य एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के उच्च विद्वान विशेषज्ञों के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है जिनमें स्कूल ऑफ सोशल साइंस, दून विश्वविद्यालय के डीन प्रो0 राजेन्द्र पी ममगाईं, शिक्षा विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो0 गौरव राव एवं जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से डॉ0 मो0 मामूर अली के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यशाला में परिषद एवं डायट् से , डॉ के0एन0 बिज्ल्वाण, डॉ राकेश गैरोला, डॉ0 रंजन भट्ट, डॉ उषा कटियार, शुभ्रा सिंहल, भुवनेश पन्त, नमिता भण्डारी, विजय रावत अरविन्द चौहान, कैलाश चन्दोला, दीपिका पंवार, पारूल शर्मा के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
|
एस. सी. ई. आर. टी. उत्तराखंड में शोध लेखन पर हुई कार्यशाला शुरू

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)