राजकीय इंटर कालेज माजरीमाफी डोईवाला देहरादून के विद्यार्थियों ने वन अनुसन्धान केंद्र का शैक्षिक भ्रमण किया। इस भ्रमण में 198 छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया।
भ्रमण से लौटकर जानकारी देते हुए विद्यालय के शिक्षक राजेंद्र चौधरी ने बताया कि इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को वनस्पति विज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता और वनों के महत्व की जानकारी प्रदान करना था। इसके साथ ही, यह भ्रमण बच्चों को प्रकृति के साथ गहरा संबंध स्थापित करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का अवसर भी था।
इस भ्रमण कार्यक्रम के दौरान वन अनुसंधान केंद्र की भव्य इमारत की संरचना, स्थापत्य कला और यहां की भव्यता, प्राकृतिक सौन्दर्य के बारे में बच्चों को अवगत कराया गया। यहां पर स्थित मुख्य रूप से छ:संग्रहालयों जिसमें वानिकी, लकड़ी विज्ञान, जैव विविधता, सामाजिक वानिकी, कीटनाशक, और पैथोलॉजी संग्रहालयों में रखे बहुमूल्य संपदा से बच्चे अवगत हुए। 700 से अधिक वर्ष पुराने चीड के वृक्ष के तने को देखकर बच्चे रोमांचित हुए। यह पेड़ वाल्चा टोंस वन प्रभाग उत्तरकाशी से लाया गया बताया जाता है। काष्ठ कला संग्रहालय, काष्ठ के क्षय का तुलनात्मक टिकाऊपन, वन उत्पादों पर फफूंदी का हमला, वन फफूंद, कीटविज्ञान, जैव ईंधन, पौधारोपण, गोंद नमूना, आदि के बारे में बच्चों ने जानकारी प्राप्त की ।
इन संग्रहालयों में विद्यार्थियों ने वनों से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जैसे- विभिन्न प्रकार की लकड़ियाँ, उनके उपयोग, वन्यजीव संरक्षण, और पर्यावरणीय समस्याएँ।
उद्यान में बच्चों ने दुर्लभ और औषधीय पौधों को देखा। इसके अलावा, प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
केंद्र के विशेषज्ञों ने बच्चों को वनों की देखभाल और उनके प्रबंधन के आधुनिक तरीकों से भी अवगत कराया।
इस भ्रमण से बच्चों को वनों के महत्व को समझने में मदद मिली। टीमवर्क, जिज्ञासा, और प्रकृति के साथ जुड़ने का यह अनुभव बेहद शिक्षाप्रद था। बच्चों को इस परिसर में स्थित भारतीय वानिकी एवं शोध एवं शिक्षण संस्थान के बारे में वहाँ के विशेषग्यो द्वारा जानकारी दी गई कि विश्व विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इसे डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया है। यहाँ उच्च शिक्षा मे अध्ययन एवं शोध किया जा सकता है। शैक्षिक भ्रमण के संयोजक नंदकुमार प्रवक्ता जीवविज्ञान ने कहा कि
देहरादून का वन अनुसंधान केंद्र शिक्षा, अनुसंधान और पर्यावरण जागरूकता का उत्कृष्ट केंद्र है। इस भ्रमण में
राधेश्याम विश्वकर्मा प्र. अर्थशास्त्र,
अनिल कुमार श्रीवास्तव. प्र. गणित संदीप कुमार सिंह प्र. राजनीति विज्ञान
महावीर पुर्वाल स. अ हिन्दी
राजेन्द्र सिंह चौधरी स. अ सामान्य
रचेन्द्र सेमवाल स. अ. अंग्रेजी
इन्द्रा साहु स. अ. कला
सुरेंद्र शाह. स. अ सामान्य
यशपाल असवाल. प्र. भूगोल
अंजु. वरिष्ठ सहायक
शिवानी प्रयोगशाला सहायक और
किरण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने भाग लिया।