केदारनाथ उपचुनाव का ऊँट किस करवट बैठता है? उत्तराखंड में 20 नवंबर को होने वाला केदारनाथ उपचुनाव पूर्व सत्ता पा चुकी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है। यह सीट पूर्व भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन से खाली हुई है। अभी हाल ही में बद्रीनाथ और मंगलौर उप चुनाव में जीत प्राप्त कर चुकी कांग्रेस जहां उत्साहित है और स्थानीय मुद्दों पलायन, रोजगार, यात्रा प्रबंधन आदि मुद्दों को उठाकर सत्ता विरोधी लहर बनाने का प्रयास कर रही है वहीं भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ के पुन निर्माण और विकास के कार्यों के सहारे चुनाव वैतरणी को पार करने का प्रयास कर रही है। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल जो वर्ष 2002 से 2012 तक विधायक के रूप में कार्य कर चुकी है और कांग्रेस के नेता मनोज रावत के बीच टक्कर मानी जा रही है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान भी क्षेत्र भ्रमण कर जनता का विश्वास पाने का प्रयास कर रहे हैं। अब देखना यह है कि केदारनाथ के उपचुनाव का ऊँट किस करवट बैठता है?
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